रसूख के दम पर शासकीय जमीन पर अवैध अतिक्रमण, पार्षद हुए लामबंद

चीनू देवाणा

15 दिनों से जारी है निर्माण कार्य, राजस्व अधिकारियों से कार्रवाई की मांग

मेघनगर – नगर में शासकीय जमीनों पर कब्जा जमाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला जनपद पंचायत ऑफिस के पीछे पानी की टंकी के पास सर्वे क्रमांक 535 का है, जहां करीब 1 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर भूमाफिया द्वारा रसूख के दम पर पक्का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, इस मामले में 15 दिन पहले कुछ लोगों ने जनपद सीओ और नगर के शासकीय जमीन बचाओ अभियान से जुड़े सदस्यों के साथ मौखिक शिकायत दर्ज कराई थी। उस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने “परमिशन और कोर्ट के आदेश” का हवाला देकर शिकायतकर्ताओं को टाल दिया। कुछ समय के लिए निर्माण कार्य बंद भी हुआ, लेकिन बाद में फिर से निर्माण शुरू कर दिया गया।

स्थिति गंभीर होने पर नगर परिषद के 5 से अधिक पार्षद लामबद्ध होकर सामने आए और सोमवार को राजस्व अधिकारी मेघनगर, राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री एवं जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपी।

सूत्रों का कहना है कि अवैध निर्माणकर्ता ने कागजों में हेराफेरी और गुमराह करने वाली जानकारी प्रस्तुत कर परमिशन का हवाला दिया है, जबकि पुराने नक्शे और वास्तविक सीमाओं का मिलान करने पर कई गड़बड़ियां सामने आती हैं।

पार्षदों ने पत्र में उल्लेख किया है कि विवादित भूमि नगर हित की शासकीय मंडी नजूल भूमि है, जिसे सामुदायिक भवन और जनसुविधाओं के लिए उपयोग में लाया जाना चाहिए। स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि यदि यह कब्जा जारी रहा, तो भविष्य में क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करना मुश्किल होगा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस मामले में एसडीएम रितिका पाटीदार, मेघनगर ने कहा –
“मुझे लिखित में शिकायत प्राप्त हुई है। मैंने इस संबंध में नगर सीएमओ से प्रतिवेदन मांगा है कि आखिर किस आधार पर निर्माण की मंजूरी दी गई।”

फिलहाल शिकायत उच्च स्तर तक पहुंच चुकी है और अब सभी की नजरें राजस्व विभाग की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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